पटनासिटी से एक बड़ी खबर आ रही है जहाँ चर्चित नाबालिक स्कूली छात्र आदित्य राज की संदिग्ध मौत पुलिस के लिए एक पहले बनी हुई है। घटना के दस दिन गुजर जाने के बाद भी परिवार के सभी लोग अपने बेटे के हथियारों को गिरफ्तार करके सजा दिलाने की आस लगाये बैठे हैं। पुलिस इस मामले में हत्या का प्राथमिक की दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। आलमगंज निवासी संजीव कुमार का 15 वर्षीय पुत्र आदित्य राज 29 जून को विद्यालय जाने के क्रम में एक हादसे का शिकार हो गया था।
आदित्य राज खाजेकला थाना क्षेत्र के संत एम्स में दसवीं क्लास का छात्र था। परिवार के लोगों ने आरोप लगाया था कि विद्यालय में छात्रों के द्वारा मारपीट के क्रम में आदित्य राज घायल हो गया था। उसके पेट में गहरी चोट लगी थी। इलाज के लिए उसे अस्पताल भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने आदित्य राज को ऑपरेशन का सलाह दिया।
इसके बाद परिवार के लोगों ने एक डॉक्टर के निजी क्लीनिक में आदित्य राज का ऑपरेशन कराया। इस बीच 1 जुलाई को आदित्य राज की मौत हो गई। डॉक्टर का तर्क यह था कि उसके पेट में गहरी चोट लगी है, जिससे उसकी पेट की आत फट गई थी और उसकी मौत हो चुकी है। परिवार के लोगों ने घटना के बाद आदित्य राज के शव का दाह संस्कार कर दिया। घटना के चार दिन गुजर जाने के बाद परिवार के लोगों ने खाजेकला थाना में एक आवेदन देकर आदित्य राज के हत्या की बात को बताया है।
पूरा मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू कर दी है। इस मामले को लेकर खाजेकला थाना प्रभारी ने बताया कि परिवार के लोगों के द्वारा आदित्य राज के शव का बिना पोस्टमार्टम कराये दाह संस्कार कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर गहराई से छानबीन कर रही है।
पुलिस या पता लगाने में जुटी है कि आदित्य राज के साथ मार पीट कौन-कौन युवकों के द्वारा और किस परिस्थिति में की गई थी। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि आदित्य राज की मौत साइकिल से गिरने के बाद पेट में हैंडल से चोट लगने के कारण तो नहीं हुई है या फिर आदित्य राज के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की लापरवाही तो नहीं हुई है। पुलिस इन सभी बिंदुओं पर गहराई से छानबीन कर रही है। अब आगे क्या होगा ये देखने वाली बात है ।