
नालंदा के जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में निर्माणाधीन घंटाघर (वाचटावर) को लेकर कुछ स्थानीय अखबारों और मीडिया हैंडलरों द्वारा भ्रामक खबरों के प्रकाशन और प्रसारण पर बिहारशरीफ के नगर आयुक्त दीपक कुमार मिश्रा ने बुधवार को स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहारशरीफ में निर्माणाधीन घंटाघर का काम अभी पूरा नहीं हुआ है और ऐसी स्थिति में इसके उद्घाटन की बात पूरी तरह से मनगढ़ंत और भ्रामक है। घंटा घर नाला रोड का एक हिस्सा है और नाला रोड के पूर्णता के पश्चात ही पूरे परियोजना का उद्घाटन किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्माणाधीन घंटाघर को लेकर कुछ स्थानीय अखबारों और मीडिया हैंडलरों द्वारा यह भी बताया गया है कि इस घंटाघर के निर्माण पर 40 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। जबकि इसका निर्माण बहुत ही छोटी धनराशि से किया जा रहा है। नगर आयुक्त ने कहा कि बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस तरह की खबरों का पूरी तरह खंडन करती है। क्योंकि घंटाघर का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। निर्माण कार्य पूरा होने से पहले इसके उद्घाटन की बात भी भ्रामक है। फिलहाल इस घंटाघर के डिजाइन पर काम चल रहा है। बता दें कि कुछ स्थानीय अखबारों ने अपनी खबर में यह भी बताया है कि इस घंटाघर की घड़ी उद्घाटन के महज 24 घंटे के अंदर ही खराब हो गई। जो बिल्कुल भ्रामक है।
उन्होंने कहा कि यह घंटाघर बिहारशरीफ में निर्माणाधीन नाला रोड से जुड़ा है। जबतक नाला रोड का निर्माणकार्य पूर्ण नहीं कर लिया जाता, तबतक घंटाघर का उद्घाटन संभव नहीं है। उन्होंने लोगों से इस तरह की भ्रामक खबरों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि घंटाघर का निर्माण पूरा होने के बाद ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। घंटाघर के निर्माण लागत पर उन्होंने कहा कि खबरों में इसका निर्माण लागत 40 लाख रुपये बताई गई है। ये खबर भी भ्रामक है। जबकि इससे काफी कम खर्च पर इसका निर्माण किया जा रहा है।