
समाजवादी पार्टी और उसके सांसद तुष्टिकरण की राजनीति के नाम पर आक्रांताओं का महिमामंडन करते हैं और देश के वीर नायकों का अपमान करने से नहीं चूकते। इनकी भाषा और मानसिकता पूरी तरह बाबरवादी है।राणा सांगा और अन्य वीर योद्धाओं ने अपने जीवन की आहुति देकर इस राष्ट्र और धर्म की रक्षा की। अगर उन जैसे महापुरुषों ने संघर्ष न किया होता, तो आज भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान समाप्त हो चुकी होती।आज जो लोग राणा सांगा जैसे राष्ट्रनायकों के योगदान को नकारने की कोशिश कर रहे हैं, वे यह भूल जाते हैं कि वे स्वयं उसी हिंदुस्तान में सांस ले रहे हैं, जिसे इन महावीरों ने अपने खून से सींचा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए अपने गौरवशाली इतिहास को भी विकृत करने पर आमादा हैं।”