
पहलगाम में हुए आतंकी हमला में 26 पर्यटकों की मौत मामले में सुन्नी उलेमा बोर्ड के सचिव मौलाना जियाउल रसूल गफ़्फ़ारी के नेतृत्व में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहर के रजा नगर स्थित गौसिया मस्जिद के पास शुक्रवार की दोपहर जुमा की नमाज के बाद 2:00 बजे काला पट्टा लगाकर घटना की निंदा की। साथ ही पाकिस्तान का झंडा फाड़कर जलाते हुए आक्रोश जताया। इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। इस घटना पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों का गुस्सा पाकिस्तान के खिलाफ फूटा दिखा। पाकिस्तानी झंडा को जलाने के बाद भी पैरों से कुचलते रहे। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान का विरोध कर देश की एकता- अखंडता बनाए रखने और भाईचारा का संदेश दिया। इस अवसर पर ज्याउल रसूल गफ़्फ़ारी ने कहा कि इस्लाम शांति का पैगाम देता है।
इस्लाम कभी हिंसा और नफरत की पाठ नहीं पढ़ाता है। कुछ ऐसे गंदे मंशे के लोगों की करतूत की वजह से इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे दहशतगर्द के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है। ऐसी घटना का हमलोग कड़ी निंदा करते हैं और पाकिस्तान का विरोध करते हैं। घटना को लेकर कुछ लोगों द्वारा गलत दुष्प्रचार भी किया जा रहा है। एक सैयद आदिल नाम का आदमी जो अपने घोड़े पर बैठाकर पूरा टूर करवाता था। उसने आतंकवाद का विरोध किया, पर्यटकों को बचाया, उसका हथियार छिनने का प्रयास किया और खुद भी मौत को गले लगा लिया वो भी तो एक मुस्लिम ही था। इसलिए आतंकवाद का खात्मा बहुत जरूरी है। देश की एकता, अखंडता और आपसी भाईचारा को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन देश की शान्ति कभी भंग नहीं होगी। यहां एक साथ सभी लोग रहते आ रहे हैं और रहते रहेंगे।