एक ओर जहां सूबे में घुड़दौड़ प्रतियोगिता विलुप्त होती जा रही है,वही बिहारशरीफ प्रखंड के ऊपरावा गांव के ग्रामीणों के द्वारा विलुप्त हो रहे घुड़दौड़ प्रतियोगिता को जीवित करने के लिए हर साल बड़े पैमाने पर घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस बार राजनीतिक व्यस्तता होने के कारण 29 जनवरी के दिन घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन ऊपरावा गांव के मैदान में किया गया। जिसका उद्घाटन स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा फीता काटकर किया जायेगा।
घुड़दौड़ प्रतियोगिता के आयोजनकर्ता लोभी यादव ने बताया कि यह घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन इस गांव में कई सालों से किया जा रहा है। इस घुड़दौड़ प्रतियोगिता में नालंदा जिले के अलावे बिहार राज्य के कोने-कोने के घुड़सवार इस प्रतियोगिता में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में जितने वाले तीन घुड़सवार को इनाम भी दिया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि इस घुड़दौड़ प्रतियोगिता का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ विलुप्त हो रहे घुड़दौड़ को बढ़ावा देना है। घुड़दौड़ का एक लंबा और विशिष्ट इतिहास है और प्राचीन काल से दुनिया भर की सभ्यताओं में इसका अभ्यास किया जाता रहा है।