माननीय राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन, पटना में ’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के तहत गोवा के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व में पर्यटन के मानचित्र पर गोवा का अहम स्थान है। दुनिया के सभी लोग गोवा को जानते हैं और यह राज्य सैलानियों का एक महत्वपूर्ण गंतव्य है।उन्होंने कहा कि छोटा राज्य होते हुए भी गोवा ने काफी विकास किया है। गोवा में औद्योगिक विकास काफी तेजी हो रहा है। इस राज्य में इको फ्रेंडली उद्योग लगाये जा रहे है। उन्होंने गोवा के बेहतर शैक्षणिक वातावरण की चर्चा करते हुए कहा कि वहाँ की साक्षरता दर लगभग 90 प्रतिशत है। राज्यपाल ने स्वयं गोवा के विधानसभाध्यक्ष के पद पर रहते हुए वहाँ की विधायिका को पेपरलेस बनाया।
राज्यपाल ने कहा कि गोवा की भाँति बिहार भी विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर सकता है। यहाँ के पर्यटन में काफी सम्भावनाएँ हैं। सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर बिहार के शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाया जा सकता है।राज्यपाल ने गोवा मुक्ति आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने में डॉ॰ राममनोहर लोहिया सहित बिहार एवं अन्य राज्यों के लोगों एवं सत्याग्रहियों का महती योगदान रहा है। भारतीय थल सेना एवं नौ सेना के संयुक्त प्रयास से 19 दिसम्बर, 1961 को गोवा पुर्तगालियों से मुक्त हुआ। पुनः 30 मई, 1987 को गोवा भारत का एक राज्य बना और गोवावासियों की इच्छा पूर्ण हुई। उन्होंने ‘गोवा के राष्ट्रवाद के जनक’ डॉ॰ टी॰बी॰ कुन्हा की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने गोवा वासियों के मन में राष्ट्रवाद की भावना जगाये रखी।
राज्यपाल ने कहा कि गोवा भी देश के अन्य राज्यों की भाँति भारत का एक भाग है और इसी भावना के साथ आज गोवा दिवस मनाया जा रहा है। हम सभी देशवासी भारत माता की संतान है और इस कारण हम आपस में भाई-बहन है। भारत की एकता में ही इसकी श्रेष्ठता है।इस अवसर पर राज्यपाल ने भारतमाता और डॉ॰ टी॰बी॰ कुन्हा के चित्र पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में गोवा के माननीय राज्यपाल श्री पी॰एस॰ श्रीधरन पिल्लई के विडियो संदेश का प्रसारण किया गया।इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री रॉबर्ट एल॰ चोंग्थू सहित राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारीगण व कर्मीगण एवं अन्य लोग उपस्थित थे।