बेगूसराय में राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने इंडिया गठबंधन को मानसिक दिवालियापन कहा ।उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी पार्टियों का जनाधार समाप्त हो चुका है। जनता में इनकी विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है। इनका मस्तिष्क भारत में नहीं, भारत के बाहर है। भारत के बाहर कुछ लोग भारत में अस्थिरता फैलाना चाहते हैं।उन्हें एक ऐसी सरकार चाहिए जो पश्चिम परस्त हो, जो पश्चिम के लिए बाजार खोल दे, जो अपने संसाधनों को लुटा दे। ऐसी सरकार नहीं होने के कारण वहां भी छटपटाहट है। उनकी नाव में एक नहीं हजारों छेद है, 2024 के चुनाव में अस्तित्व बचाना कठिन होगा। संसद के भीतर लोकसभा में इनकी संख्या इतनी सिमट जाएगी कि विपक्ष को ढूंढना पड़ेगा। गठबंधन की हालत एक अनार सौ बीमार जैसी है, इनका कोई भविष्य नहीं है। इसके अधिकांश लोग भाजपा की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। भाजपा किसी को आमंत्रित कर दे या दरवाजा खोल दे तो यह लोग भाग कर आ जाएंगे। इसलिए इंडी गठबंधन के सभी दलों और नेताओं की जर, जमीन और जमीर तीनों समाप्त हो गया है। राजद के नेता और देश की धार्मिक जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।यह लोग जिस प्रकार का बयान दे रहे हैं, वह दिखता है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव का इस देश की सांस्कृतिक विरासत, देश के अध्यात्म और देश के धर्म में आस्था नहीं है। यदि आस्था होता तो वे लोग इस तरह का बयान नहीं देते। एक खास समर्थक आधार रहने के कारण राजद इस चरित्र का बन गया है।
इंडिया गठबंधन मानसिक दिवालियापन-राकेश सिन्हा
India Coalition Mental Bankruptcy