समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के सिंघियाघाट में नागपंचमी पर एक ऐसा मेला लगता है । जिसे देखना हर किसी के वश की बात नहीं । क्योंकि ये मेला सांपों का हैं । इस मेले में भगत के साथ-साथ बच्चे,युवा से लेकर बूढे तक के गले में जहरीले सांप होते हैं । महीनों पहले सांपों के पकड़ने का सिलसिला शुरू होता है । और नागपंचमी तक चलता है । नागपंचमी के दिन यहां अनोखा मेला लगता है ।यहां की सबसे बड़ा चमत्कारी बात है कि नदी में डुबकी लगाकर भगत तंत्र,मंत्र विद्या से सांप निकालते हैं । दोपहर के बाद यहां के भगत भगवती मंदिर से निकल कर बूढ़ी गंडक नदी में हजारों भीड़ की टोली के साथ स्नान करने जाते हैं . और नदी में डुबकी लगाकर कई प्रजाति की सांप निकालते हैं जिसे लोग चमत्कार मानते हैं ।
यहां के भगत ने बताया कि दो सौ सालों से पहले यहां मेला लगता है । सांपों को पकड़ने की प्रथा कई पीढ़ियों से चली आ रही है । स्थानीय लोगों का दावा है कि बरसों से चले आ रहे इस मेले में आज तक किसी को भी सांप ने नहीं काटा । यहां भगत के साथ उनके सहयोगी ढोल की थाप पर भजन गाते हैं । भजनों की धुन पर युवाओं की टोली गले और हाथों में सांपों को लेकर झूमते रहते हैं । हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता भगवती की नाग देवता को दूध लावा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं । उसके बाद सांपों का करतब देखते हैं ।