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जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सीवान में लालू परिवार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी यादव 4 जून के बाद स्थाई तौर पर आराम करेंगे।घूम कर ये बताना चाहिए की उनके पिता और माता ने 15 वर्ष जब शासन किया, तो उस वक्त बिहार की क्या हालत थी।क्या बिहार में कोई कानून व्यवस्था था। शाम 7 बजे के बाद घर से कोई नही निकलता था, दहशत बना हुआ था। ये कोई अभी भुला नही है।नए लोग उस हालात को नही देखे है,लेकिन पुराने लोग भूले नहीं है। तेजस्वी जी भविष्यवक्ता है, 18 वर्ष से इंतजार कर रहे हैं। अब उनको बिहार की जनता फिर से मौका नही देना चाहती है।वहीं ललन सिंह ने रोहिणी आचार्य के आतंक वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको अपने माता पिता से पूछना चाहिए की उस वक्त कैसा गुंडा राज था, कोई घर से नही निकलता था। दहशत का आतंक का माहौल था।उसको पूछने का कोई अधिकार ही नही है।सीवान में पूर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के आतंक का जिक्र करते हुए ललन सिंह ने कहा कि जब समता पार्टी बनाए थे तब सिवान का कोई भी टेंट वाला दरी भी देने को तैयार नहीं था। छपरा से टेंट, दरी लेकर आए थे। लोग खुल के सामने आकर नही सुनते चुपके से हमारी बातों को सुनते थे।जब आपके माता पिता बिहार में बिजली नही दिए तब आप लालटेन घुमाते थे। उनको सलाह देना है की लालटेन अब बदल दीजिए, चेंज कर दीजिए। बिहार को उन्होंने लालटेन में रखा। नीतीश ने बिहार को बिजली चकाचक दे दिया। एक एक तीर से 10 लालटेन फूटेगा।माता पिता ने जो कर्म किए तब नीतीश जी ने पुत्र को सुधारने का मौका दिया जब नही सुधेरे तब नीतीश जी ने विदा कर दिया। 18 वर्षों में एक उदहारण नही है की अल्पसंख्यक पर अत्याचार हो या असुरक्षित महसूस किए हो। 15 वर्षों में लालू ने किसी मदरसे पर ध्यान नहीं दिया।