भोजपुर जिले के व्यवहार न्यायालय सिविल कोर्ट में आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव ने सरेंडर कर दिया है। मामला नाबालिग से रेप का हैअरुण यादव को इस मामले में जमानत नहीं मिली थी और पुलिस उनकी खोजबीन में जुटी हुई थी। अब उन्होंने आरा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। जहां से उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दरअसल, 18 जुलाई, 2019 को पीड़िता पटना के सेक्स रैकेट संचालकों के पास से भाग कर आरा पहुंची थी। पीड़िता के भाई ने नगर थाने में आवेदन दिया था, जिसमें अनिता देवी और संजीत कुमार उर्फ छोटू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में नगर थाना में कांड संख्या 340/19, तथा पॉक्सो में कांड संख्या 47/19 दर्ज हुआ था।
पीड़िता के 164 के पहले बयान में मनरेगा के इंजीनियर अमरेश कुमार और संजय कुमार उर्फ जीजा को आरोपित किया गया था, जबकि 164 के दूसरे बयान में आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव को आरोपित बताया गया था। हालांकि इस मामले में पूर्व विधायक को छोड़कर सभी लोग बरी हो चुके हैं और इनके समर्थक भी इनको जानबूझकर फंसाया जाने का आरोप लगा रहे हैं उनका कहना है कि इस मामले में पूर्व विधायक बिल्कुल निर्दोष हैं और उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर विरोधियों के द्वारा यह साजिश रची गई थी लेकिन उम्मीद है इसमें वह बरी जरूर हो जाएंगे वही बातचीत के क्रम में पूर्व विधायक ने भी बताया कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है और जानबूझकर उनको इस कांड में फंसाया गया है अभी वह बीमार है और कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है इस कांड में अरुण यादव फरार चल रहे थे।
पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई थी। आपको बता दें, इस मामले के चार आरोपितों को साक्ष्य न होने के कारण कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस कांड में पीड़िता के भाई, बहन और परिजन सहित सभी गवाह अपने बयान से पीछे हट गए थे, जिसके बाद अवर जिला और सत्र न्यायाधीश VI और पॉक्सो के विशेष न्यायालय ने गिरफ्तार मनरेगा इंजिनियर अमरेश कुमार, किशोरी को धंधे में धकेलने वाली अनिता देवी, उसके सहयोगी संजीत कुमार और संजय कुमार को बरी कर दिया था।