गोपालगंज : ऐसा मंदिर जहां भूतों की महफिल सजती है

जहाँ पूरे देश में नवरात्रि की धूम है.दुर्गा मंदिरों में देवी के नौ रूपों की पूजा -आराधना हो रही है.लेकिन गोपालगंज में देवी का एक ऐसा मंदिर है, जहां भूतों की महफिल सजती है.भूत प्रेतों का अनोखा मेला सजा है, अंधविश्वास के चलते लोग मानते हैं कि यहां पर इंसान की शक्ल भूत घूमते हैं.यह मंदिर गोपालगंज जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर थावे प्रखंड के लछवार गांव में है.जहां भूतों की महफिल सजती है.यहां मीडिया के प्रवेश पर मंदिर समिति ने प्रतिबंध लगा रखा है. यहां पर कथित तौर पर भूत, डायन और चुड़ैल से पीड़ित लोगों मुक्ति दिलाई जाती है.यहां प्रेत आत्माओं से परेशान लोगों के साथ निसन्तान लोग भी आते हैं .आस्था से इसे खिलवाड़ कहें या फिर अंधविश्वास.

लछवार गांव में ये मेला लगभग दो सौ सालों से चला आ रहा है.यहां पहुंचा कोई कहता है कि उनके सर पे पड़ोसी ने भूत बैठा दिया है, तो किसी को सन्नाटे में भूत के पकड़ लेने का डर है.कोई कहता दिखता है कि उस पर श्मशान के पास से गुजरते वक्त भूत सवार हो गया है.अंधविश्वास के इस मेले में फरियादी तो इंसान होता है, लेकिन उनका कहना होता है की उनपर कब्जा भूत, चुड़ैल, और डायन का हो गया है. जिससे उन्हें सिर्फ लछवार माई ही मुक्ति दिला सकती हैं.यहां कई नि:संतान श्रद्धालु भी आते हैं.शारदीय नवरात्र में यहां गजब का नजारा दिख रहा है.

कहीं औरतें जोर-जोर से सिर हिलाती हैं तो कहीं कोई महिला सिर पटककर झुलती नजर आती हैं.कोई देवी का स्वरूप धारण कर नाच रहा है.स्थानीय लोग बताते हैं कि जिनकी मनोकामना पूरी होती है वे कबूतर मंदिर में उड़ाते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां के भूत और मिट्टी के स्पर्श मात्र से प्रेत आत्माएं शरीर छोड़ जाती हैं.यहां बाबा द्वारा भक्तों को भभूत दिया जा रहा था. जिसका महत्व भी बतलाया गया.कहा जाता है कि मिट्टी से लोटने और भभूत खाने पर भूतों से मुक्ति मिल जाती है.यह धारणा इतनी प्रचलीत है कि बिहार यूपी के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी काफी संख्या में महिला-पुरूष और बच्चें लक्षवार धाम आते हैं.

आवाज़ न्यूज़ के लिए ऋतिक की रिपोर्ट .

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