पटना गांधी मैदान में बुधवार को जलने से पहले ही रावण का पुतला अचानक जमीन पर गिर पड़ा .हालांकि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। आनन-फानन में फिर से रावण के पुतले को फिर से खड़ा किया गया .आनन-फानन में फिर से रावण के पुतले को फिर से खड़ा किया गया . रावण दहन देखने के लिए गांधी मैदान में हजारों की भीड़ जमा हुई. बारिश की संभावना को देखते हुए रावण, मेधनाद और कुंभकर्ण के पुतलों पर प्लास्टिक वार्निश की गयी है . इसके कारण भगवान राम के चलाए तीर से पुतले धू-धू कर जलेंगे .दशहरा कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल कुमार नोपानी ने बताया कि गांधी मैदान में रावण वध का यह 67वां वर्ष है . कोरोना संक्रमण के कारण बीत तीन सालों से रावण वध नहीं हो पा रहा था.इस वर्ष पहली बार गांधी मैदान में बनने वाली लंका दो तल्ले की है .वानर सेना के साथ रावण की सेना भी तैयार की गई है . इस वर्ष पहली बार रामदूत हनुमान का रास्ता लंका में द्वारपाल राक्षस रोकेंगे. रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट, मेघनाद की ऊंचाई 65 और कुंभकर्ण की ऊंचाई 60 फीट है . ईकोफ्रेंडली आतिशबाजी का भी इंतजाम किया गया है .
आवाज़ न्यूज़ के लिए पटना से तरुण की रिपोर्ट