राजस्थान में कांग्रेस के अंदरूनी कलह को लेकर बीजेपी हमलावर हो रही है. बीजेपी ने राजस्थान सरकार की मौजूदा स्थिति को देखकर राष्ट्रपति शासन लगाने के संकेत दिए हैं.राजस्थान का सियासी संकट इस वक्त का सबसे बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस आलाकमान की नजर इसी ओर टिकी हैं कि कैसे पायलट और गहलोत के बीच की रार को थामा जाए. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि राजस्थान में कांग्रेस के पास क्या विकल्प हैं? ऐसे में भाजपा अब कांग्रेस की अंदरूनी कलह को लेकर हमलावर हो रही है. बीजेपी ने राजस्थान सरकार की मौजूदा स्थिति को देखकर राष्ट्रपति शासन लगाने के संकेत दिए हैं.
गहलोत गुट के विधायकों का कहना है कि हमें सचिन से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है लेकिन सचिन पायलट को हम सीएम पद पर नहीं देखना चाहते. गहलोत गुट के विधायकों के अलावा खुद सीएम अशोक गहलोत को सचिन का नाम सीएम पद के लिए मंजूर नहीं था. वह शुरू से सीपी जोशी को अपनी सीएम की गद्दी सौंपना चाहते थे.
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत को राजनीति का ‘जादूगर’ कहा जाता है. गहलोत के पिता पेशेवर जादूगर थे और प्रदर्शन करने के लिए कई शहरों की यात्रा करते थे. राजनीति के क्षेत्र में वही काम उनका बेटा अशोक गहलोत कर रहा है. जो इस सियासी उठापटक की अच्छी समझ रखते हैं. अब ऐसा कहा जा रहा है कि सचिन पायलट के नाम पर गहलोत पहले से ही राजी नहीं थे. गहलोत को अक्सर यह लगता है कि सचिन पायलट बीजेपी के साथ मिलकर राजस्थान की सरकार गिराना चाहते थे. ऐसे में गहलोत की जगह कोई ऐसा नेता प्रदेश की कमान न संभाले जिसने सरकार गिराने की कोशिश की हो.