बिहार शरीफ में पिछले 31 मार्च को विराट शोभायात्रा के दौरान दो गुटों में हुए हिंसक उपद्रव के बाद अब यह मामला राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। बुधवार को बीजेपी के 8 विधायक का दल बिहार शरीफ पहुंचा लेकिन सोहसराय के 17 नंबर के पास ही प्रशासन ने बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा और अन्य विधायकों को शहर के इंट्री प्वाइंट पर ही रोक दिया। प्रशासन के इस रवैए से विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिंहा काफी नाराज दिखे।
हालाकि कड़ी सुरक्षा के बीच सभी बीजेपी के डेलीगेट्स को बिहार शरीफ सर्किट हाउस ले गए जहां डीएम एसपी एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर चर्चा की।हालाकि इन बीजेपी नेताओं को बिहार शरीफ के संवेदनशील इलाकों में जाने और पीड़ित परिवार से मिलने के लिए साफ तौर पर मना कर दिया।प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए नेताओ को शहर के इंट्री प्वाइंट पर नेताओ को रोकने की बात कही।
बीजेपी नेता ने सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा की महागठबंधन के नेता मंत्री शहर में सद्भावना मार्च निकाल सकते है लेकिन विपक्ष के नेताओ को रोक देना कहा तक जायज है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद गृह विभाग को संभाल रहे है ऐसे परिवेश में सीएम के गृह क्षेत्र नालंदा में इस तरह की हिंसक घटना घट गई।ऐसे हालात में सीएम नीतीश को इस्तीफा दे देना चाहिए।