वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में शिकार कर दहशत फैला चुके बाघ को रेस्क्यू करने के लिए अब राज्यस्तरीय वन विभाग की टीम मैदान में उतर गई हैं. रेस्क्यू टीम की मॉनिटरिंग अब बिहार के मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक खुद कर रहे है. बगहा के जंगल किनारे बसे गांवों में आज हर ओर दहशत और भय का माहौल है. हर जगह एक की आवाज आ रही है भागों बाघ आया. क्या दिन हो या फिर रात. बाघ की चहलकदमी ने ग्रामीणों के साथ वनकर्मियों की भी नींद उड़ा रखी है. खेतों में ग्रामीण जाने से परहेज़ कर रहे है और गांवों में लोग घर से भी झुंड बनाकर निकल रहे है.
रेस्क्यू के बाद बाघ भी ठिकाना बदलकर नए इलाकों में दहशत फैला रखा है.जंगल से निकलकर मानव पर हमला बोलकर शिकार बना रहा बाघ आदमखोर हो चुका है.अबतक की वाल्मीकि टाईगर रिजर्व की ओर से किया जा रहा रेस्क्यू के असफल होने के बाद अब राज्यस्तरीय टीम बाघों के एक्सपर्ट के साथ रेस्क्यू के लिए मैदान में उतर गई हैं. नए इलाकों में घेराबंदी कर बाघ को कब्जे में लेने की कवायद चल रही हैं. बिहार के मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारियों की टीम खुद फील्ड में उतरकर अभियान को चला रही हैं. बाघ आखिर जंगल के अपने आशियाना को छोड़कर रिहायशी इलाकों में शिकार की तलाश क्यो कर रहा है .
बगहा से तरुण की रिपोर्ट