रब ने शादी के लिए एक ऐसी जोड़ी बनाई। जिस लाजवाब दूल्हे दुल्हन को देखने पहुच गए पांच सौ लोग । दूल्हे के रूप में कुत्ता और दुल्हन के रूप में कुत्तिया ,,,,, सर पे पाग बांध कर पंहुचा शादी करने कुत्ता । और सज धज कर तैयारी थी शादी के लिए कुत्तिया । तस्वीर के माध्यम से आप भी बनिये इस अनोखी शादी का गवाह । पूर्वी चंपारण जिला के शहर से सटे मजूराहां गाँव में एक अनोखी शादी हुई है।गांव में एक कुत्ते और कुतिया की शादी कराई गई है।यह शादी पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ हुआ है।शादी के लिए मंडप बना था और बारातियों के खाने पीने का व्यवस्था किया गया था।बाराती भी डीजे के धुन पर खूब डांस कर रहे थे।सबसे बड़ी बात यह है कि बराती और सराती दोनो एक हीं परिवार के हैं।जिस कुत्ते की शादी हुई उसका नाम कोल्हू है और कुतिया का नाम बसंती है।
कोल्हू और वसंती के मालिक नरेश सहनी व मालकिन सविता देवी ने कुलदेवता का पूजा किया।फिर पारंपरिक मांगलिक गीतों के साथ हल्दी का रस्म हुआ।गांव की ग्रामीण महिलाएं नाचते-गाते मटकोर के निकली और मटकोर पूजा हुआ।फिर डीजे के धुन पर नाचते गाते बारात के साथ सजधज कर कोल्हू निकला।बारात गांव में हीं घुमकर दरवाजे पर पहुंची,तो द्वार पूजा की रस्म हुई।फिर पूरे विधि विधान के साथ हिंदू रीति रिवाज से बुलाए गए पंडित ने सिंदूरदान कराकर शादी संपन्न कराया।बारातियों को लजीज व्यंजन परोसा गया।तरह-तरह के पकवान बनाने के लिए रसोईया की भी व्यवस्था की गई थी।गांव के लगभग चार सौ लोग बाराती के रुप में शामिल हुए और इस अनोखी शादी के गवाह बने।
दरअसल,नरेश सहनी और उनकी पत्नी सविता देवी मजूराहां गांव में रहते है।उनलोगों ने एक कुत्ता और एक कुतिया पाल रखा है।कुत्ता का नाम कोल्हू और कुतिया का नाम वसंती रखा है।सविता देवी के अनुसार उन्होंने अपने बच्चों को लेकर कुछ मन्नत मांगी थी।जो पूरी हो गई। इसलिए उनके परिवार के लोगों ने कोल्हू और वसंती की शादी करायी है।ग्रामीणों के अनुसार उनलोगों ने आजतक ऐसी शादी नहीं देखी है।वहीं शादी कराने वाले पंडित ने बताया कि पूरे हिंदू रीति रिवाज से मंत्रोच्चार के साथ शादी संपन्न करायी गई है।जबकि शादी में रस्मों को निभाने में मदद कर रहे हजाम बताया कि यह अपने तरह की अनोखी शादी है।