बिहार कि सुशासन बाबू की सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए शिक्षकों को तरह-तरह का निर्देश जारी कर रहे हो लेकिन शिक्षक अपने आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। शिक्षा के मंदिर में डंडे का डर दिखाकर छात्रों से ऐसा काम कराया जा रहा था। जिसे देखकर प्रधानाध्यापक पर आपको बहुत गुस्सा आ जाएगा। घटना जहानाबाद जिले के काको प्रखंड क्षेत्र के लेमानपुर का है। जहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुलेमानपुर में स्कूली बच्चों से बाल मजदूरी करने का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आप देख सकते है कि किस तरह स्कूल के प्रधानाध्यापक बच्चों को स्कूल में लकड़ियां कटवा रहे है। तो कभी बच्चों को दीवार पर चढ़ा कर किचेन का शेड बनवा रहे है। इतना ही नही वायरल वीडियो में गुरु जी बच्चों से कुंआ से ईंट निकलवाते भी नजर आ रहे।
बताया जा रहा है कि जैसे ही बच्चों से काम करवाया जा रहा था तो किसी ने उनका वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। इधर मीडिया को वायरल वीडियो हाथ लगी तो इसकी पड़ताल करने विद्यालय पहुंचे, जहां स्कूली बच्चों ने डरे सहमे बताया कि हेड सर द्वारा कुआं से ईंट निकलवाया गया था। जिसमें दो तीन बच्चे कुआं के अंदर जाकर ईट निकल रहे थे बाकी के बच्चे ईट को एक जगह से दूसरे जगह रख रहे थे। बच्चों ने बताया कि किचेन का शेड भी बच्चों के द्वारा लगाया गया हैं।पूछने पर बच्चों ने बताया कि दीवार पर चढ़ कर करकट लगाने में डर लग रहा था लेकिन ऐसा नही करते तो हेड सर पीटते।
वही जब प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पार्ट टाइम में बच्चों से कुछ काम लिया जाता है साथ ही उन्होंने बताया कि किचेन शेड ओपन था। करकट लगाने वाले मजदूर नही मिल रहा था तो बच्चों द्वारा शेड लगाया गया है। इधर घटना की जानकारी मिलते ही डीएम रिची पांडेय ने मामला को संज्ञान में लेते हुए विद्यालय पहुंच गए और मामले की जांच की। जांच के क्रम में विद्यालय में कई कमियां पाई गई। जिसके बाद डीएम ने जिला शिक्षा अधीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अब सवाल यह उठता है कि जब विद्यालय के प्रधान शिक्षक हैं छोटे-छोटे मासूम बच्चों से ऐसे मजदूरी का काम पढ़ाई करने के समय मिलेंगे तो बच्चे कैसे शिक्षित होंगे।