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बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने नीट पेपर लीक मामले और राज्य में 65 प्रतिशत आरक्षण रद्द किए जाने के संबंध में उन्होंने दोनों मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखते हुए कड़ी कार्रवाई और पुनर्विचार की मांग की। नीट पेपर लीक मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव के करीबी का नाम सामने आने पर श्रवण कुमार ने कहा की इस व्यक्ति पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। मौजूदा आरोपों की प्रकृति को देखते हुए लोगों का संदेह स्वाभाविक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, वह कानून से नहीं बच पाएगा। मंत्री श्रवण कुमार ने आगे कहा की जो लोग बार-बार कानून तोड़ते हैं, उन पर पहले से ही कार्रवाई चल रही है। पिछले मामलों की तरह, इस बार भी दोषी बच नहीं पाएंगे। वही उच्च न्यायलय द्वारा 65 प्रतिशत आरक्षण रद्द किए जाने के मुद्दे पर श्रवण कुमार ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा की बिहार में 94 लाख परिवार ऐसे हैं जिनके पास न रोजगार है, न नौकरी और न ही रहने के लिए छत। इन लोगों के लिए आरक्षण अत्यंत आवश्यक है।हालांकि उच्च न्यायालय के फैसले पर सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए, श्रवण कुमार ने कहा की मेरा मानना है कि उच्च न्यायालय को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि वंचित वर्गों को आगे बढ़ने का मौका मिल सके.अंत में, उन्होंने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर गंभीर हैं। उन्होंने कहा की वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें हो रही हैं और सरकारी स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। जल्द ही एक ठोस निर्णय सबके सामने आएगा।