NEET पेपर लीक कांड मामले में बड़ी गिरफ्तारी हुई है जिसमें मास्टरमाइंड सिंकदर यादवेन्दु भी गिरफ्तार हुआ है . जिसके तार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से जोड़े जा रहे हैंजांच में प्रतिदिन चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं. अभी तक अभ्यर्थी आयुष ने ही कबूल किया था कि परीक्षा के एक दिन पहले उसे प्रश्न पत्र रटवाया गया. अब गिरफ्तार परीक्षा माफिया 56 वर्षीय दानापुर नगर परिषद का जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु ने भी पेपर लीक में अपनी भूमिका कबूल की है. पटना एयरपोर्ट के सामने नेशनल हाइवे के जिस निरीक्षण बंगला आइबी में उसने कमरा आरक्षित कराया था, उसके पीछे कई रसूखदारों का हाथ था. उसके संबंध राज्य के पूर्व मंत्री के दरबार से सीधा जुड़ा है. आइबी के रजिस्टर पर नीट मामले में गिरफ्तार उसके संबंधी अनुराग यादव के नाम के आगे मंत्री जी लिखा है. सूत्र बताते हैं कि यह मंत्री जी पूर्ववर्ती सरकार के बड़े ताकतवर मंत्री जी के रूप में चर्चित रहे हैं. इतना ही नहीं उक्त पूर्व मंत्री के आप्त सचिव का वह करीबी रिश्तेदार भी बताया जाता है.
सिकंदर यादवेंदु की बहाली जल संसाधन विभाग में हुई थी. बाद में इसने अपना तबादला नगर विकास विभाग करवा लिया. नगर विकास में तैनाती के दौरान दानापुर में उसकी अदावत वहां के वरीय अधिकारियों से हुई. लिहाजा उसकी सेवा जल संसाधन विभाग को भेज दी गयी. लेकिन, सिकंदर इतना ताकतवर निकला कि उसके तबादला आदेश स्थगित हो गये. अब जाकर उसकी सेवा जल संसाधन विभाग को भेजी गयी, जहां उसे मंगलवार को निलंबित कर दिया गया. विभाग ने सिकंदर यादवेंदु के कार्यकलापों की जांच का आदेश भी दिया है.
सिकंदर यादवेंदु को पुलिस ने पांच मई को नीट परीक्षा के दिन राजवंशीनगर इलाके से नीट परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड के साथ गिरफ्तार किया था. इओयू सूत्रों के अनुसार दानापुर में पोस्टिंग के दौरान उसकी मुलाकात नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार साल्वर गिरोह के सदस्य अमित आनंद और नीतीश कुमार से हुई थी. नीट पेपर लीक मामले में इओयू सिकंदर यादवेंदु के परिजनों पर भी शिकंजा कसने जा रही है. उसने रूपसपुर में उसने एक बड़ी सोसाइटी में फ्लैट ले रखा है. पकड़े गये लोगों को यह बताना होगा कि किस मंत्री या कौन लोगों का वे यूज कर रहे थे और किसके कहने पर इस तरह से बुकिंग हो रही थी. सिन्हा ने कहा कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे लोगों को राजद का संरक्षण प्राप्त है.इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी.