शमायल अहमद ने प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं को हल करने की मांग राज्यपाल से की

Shamayal Ahmed demanded the Governor to solve the problems of private schools

प्राइवेट स्कूलस एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने बिहार के महामहिम राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से राज भवन पटना स्थित उनके कार्यालय मैं एक खास मुलाकात की एवं एसोसिएशन की ओर से उन्हें महत्वपूर्ण पद ग्रहण करने हेतु मोमेंटो शॉल एवं माला भेंट कर सम्मानित किया । उन्होंने महामहिम को बताया की भारतवर्ष के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दिशा निर्देशानुसार नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बिहार एवं देश के 3 वर्ष से 6 वर्ष के आयु तक के बच्चों के लिए एसोसिएशन के सदस्यों के द्वारा 25000 से अधिक प्री स्कूल खोलने का लक्ष्य रखा गया है एवं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 2 लाख से अधिक प्री स्कूल के शिक्षकों को निशुल्क ट्रेनिंग देने का कार्य नालंदा लर्निंग के सीईओ तमल एवं तिमिर मुखर्जी के सहयोग से किया जाएगा!

सैयद शमायल अहमद ने बिहार प्रदेश के अंतर्गत निजी विद्यालयों मैं उत्पन्न समस्याओं पर अपनी गहरी चिंता जताते हुए महामहिम राज्यपाल महोदय को उन सभी समस्याओं से अवगत कराया । विशेष मुलाकात के दौरान कई मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने सीबीएसई के द्वारा लगातार नए नए सर्कुलर जारी कर अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम करने का दिशा निर्देश दिए जाने पर विद्यालय के कार्य में होने वाली कई बाधाओं पर प्रकाश डाला इसी कड़ी में बच्चों की पढ़ाई में होने वाले बाधा को प्रमुख बताया ।

सैयद शमायल अहमद ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड के द्वारा शिक्षको के प्रशिक्षण कराने का जो प्रावधान रखा गया है इसमें इतना अधिक शुल्क है कि छोटे तबके की विद्यालयो के लिए यह वहन करना कठिन है साथ ही साथ एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने कहा सीबीएसई बोर्ड एफीलिएशन में इतना ज्यादा प्रावधान कराया जा रहा है कि साधारण विद्यालयों को एफीलिएशन लेने में अधिक कठिनाईयो का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण भारत सरकार के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना कि हर बच्चा विद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके चाहते हुए भी नन एफिलिएटिड विद्यालय सरलता से भागीदारी करने में सक्षम नहीं हो पा रहे । जब तक विद्यालय को मान्यता नहीं मिलेगी तब तक बच्चे उसमें नामांकन करा अपना भविष्य कैसे सुरक्षित कर पाएंगे ।
साथ ही शमायल अहमद ने महामहिम का ध्यान सभी निजी विद्यालय संचालको को ज़बरन विवश कर के उनका विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाने पर भी आकृष्ट करवाया और बताया की पहले सिर्फ बिहार बोर्ड की परीक्षा निजी विद्यालयो में जबरन ली जाती थी परन्तु आज यह आलम है की आय दिन कभी सिपाही भर्ती तो कभी UPSC इत्यादि परीक्षाओ का केंद्र निजी विद्यालयों में जबरन बना दिया जाता है और निजी विद्यालयों में पढने वाले विद्यार्थियों के पठन पाठन को तहस नहस सोची समझी साजिश के तहत किया जाता है । और इस केंद्र के एवज में एक रुपया भी नहीं दिया जाता है और इन्ही परीक्षाओ के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली जाती है ।आखिर निजी विद्यालयों का शोषण कब तक राज्य सरकार करेंगी ।
उल्लेखनीय है की निजी विद्यालयों के पंजीकरण को ले कर बिहार राज्य के 38 जिलों में ई संबंधन पोर्टल के आड़ में निजी विद्यालय संचालको के आवेदन को रद्द कर के पैसे उगाही के लिए विवश किया जा रहा है इस पर लगाम कसने की आवश्यकता है । इस सम्बन्ध में पुराने निजी विद्यालय जिन्हें पूर्व से संबंधन प्राप्त है उनसे भी ई संबंधन पोर्टल में संबंधन के लिए दुबारा कतार में खड़ा कर देना सरासर अफसरशाही को बढ़ावा देना है । जब एक बार बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों को स्थायी संबंधन दे दिया है तो दुबारा से उसी विषय का संबंधन हेतु ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए मनमानी तरीके से बिहार के पच्चीस हज़ार से भी ज्यादा निजी विद्यालयों को परेशान करने के पीछे एक ही मंशा साफ़ नज़र आ रहा है की निजी विद्यालयों को धन पशु की श्रेणी में मानते हुए धन उगाही करना जिससे सिर्फ और सिर्फ अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा ।

साथ-साथ एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शिक्षा के अधिकार की बकाया राशि जो राज्य सरकार निर्गत कराने में असमर्थ है उसे भी जल्द से जल्द निर्गत करने का आग्रह किया ।

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