सुरक्षा और जांच एजेंसियों के इनपुट पर पटना पुलिस की आतंकी ट्रेनिंग देने वाले ठिकानों पर पटना पुलिस की कार्रवाई के बाद 26 लोगो के PFI में सक्रिय भूमिका निभाने वाली सूची में 26 वे नम्बर का नाम सारण के जलालपुर प्रखण्ड के रुदलपुर निवासी परवेज आलम उर्फ अशरफ अली का है।जलालपुर प्रखण्ड के रुदलपुर निवासी परवेज आलम उर्फ अरशद अली मढ़ौरा अंचल के हरपुर रामपुर मध्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्यरत है। NIA की जारी सूची में 26 वा नाम PFI के खिलाफ हुई हालिया कार्रवाई को परवेज ने BJP और RSS को साज़िश करके इस तरह का नैरेटिव फैलाने का आरोप मढ़ दिया।केंद्र की भाजपा सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर विफलता,देश की सम्पत्तियों को निजी हाथों में बेचने का आरोप लगाते हुए लोगो का ध्यान भटकाने के लिए ऐसी कार्रवाई साज़िशन करवाने का आरोप मढ़ दिया।
देश की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर खराब होने,देश की जनता का बीजेपी से मोहभंग होने का भी आरोप लगाया।ताकि लोगो का ध्यान भटकाया जा सके।परवेज ने PFI के समर्थन में कहा कि यह एक सामाजिक संगठन है।इस समय गणतंत्र बचाओ कार्यक्रम चल रहा है,जो 26 जनवरी 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त 2022 तक चलेगा।24 जुलाई को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल भवन में गणतंत्र बचाओ मुहिम के तहत एक कांफ्रेंस रखा गया है।उसी कार्यक्रम की सफलता के लिए रिटायर्ड दारोगा जलालुद्दीन के घर मे 6-7 जुलाई को मीटिंग रखी गई थी।अतहर परवेज उस मकान में किराएदार है।
जलालुद्दीन और अतहर परवेज PFI के सदस्य भी नही है।PFI की राज्य कमिटी के लोगो ने जलालुद्दीन का घर मीटिंग के लिए बुक किया था। सगठन को हमेशा बदनाम किया जाता रहा है।यह संगठन अल्पसंख्यक,OBC,गरीबो के उत्थान का काम करता है।सरकार हर दंगे फसाद में PFI का नाम घसीटती है, लेकिन कही भी कुछ साबित नही हुआ है। फुलवारी के आतंकी गतिबिधियों में जिन 26 लोगो को नामजद किया गया है, उसमे सारण जिले के जलालपुर के रुदलपुर निवासी मो परवेज का भी नाम आया है, मो परवेज मध्य बिद्यालय हरपुर रामपुर के उर्दू शिक्षक मो परवेज खुद को पीएफआई का जिला संयोजक बताता है, साथ ही इसे संवैधानिक संस्था बताते हुए कहा कि bjp और आरएसएस जान बूझ कर पीएफआई को बदनाम कर रहा है, …. पूरी कहानी सुनिए परवेज की जुबानी..