हमारी सरकार न बचाती है और न फंसाती है’, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के नेताओं के मुंह से अक्सर आपको ये लाइन सुनने को मिलती है. जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली नीतीश सरकार अपनी इस नीति के तहत अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मत्री रहे आरसीपी सिंह (RCP Singh) पर जांच बिठा दी है. यह बात सबूत के साथ सामने आई है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार ने 2013 से अब तक अकूत संपत्ति बनाई है. कुछ पत्नी के नाम तो कुछ दोनों बेटियों के नाम से हैं. खास बात ये है कि संपत्ति का ब्योरा जेडीयू के ही नेताओं ने ही जुटाया है.जेडीयू ने जो दस्तावेज जुटाए हैं उसके अनुसार 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी गई है. इसके अलावा कई और जिलों में भी संपत्ति बनाई गई है.
आरसीपी सिंह की पत्नी (गिरजा सिंह) और दोनों बेटियों यानी लिपि सिंह एवं लता सिंह के नाम पर ज्यादातर जमीन है. सबसे बड़ी बात है कि 2016 के चुनावी हलफनामे में आरसीपी सिंह ने इन संपत्तियों के बारे में कोई भी जिक्र नहीं किया है।वही रहुई प्रखण्ड अध्यक्ष राकेश मुखिया ने कहा कि इनके द्वारा आरसीपी के काले कारनामो पर ध्यान बहुत दिन से था जब इस काले कारनामे के विरुद्ध साक्ष्य मिल गया तो इन्होंने इसकी शिकायत अलाकामन से की।इन्होंने कहा कि इनके काले कारनामे के कारण पार्टी और पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार की छवि धूमिल हो रहा था जो कि नीतीश कुमार का रहुई कर्मभूमि होने के कारण यहां की जनता छवि धूमिल होने का रहुई की जनता बर्दास्त नही कर पा रहा था।