मोहर्रम के दूसरे दिन बिहारशरीफ के भुसटटा मोहल्ले से गुरुवार की अहले सुबह जगमग रौशनी के बीच नौबतखाना निकाली गई । जो शहरवासियों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा ।नौबतखाना में लगे बेल्जियम के गिलास के बीच मोमबत्तियां की रौशनी के साथ अखाड़ा के लोग नौबतखाना लेकर जैसे ही सड़क पर निकले नौबतखाना देखने के लिए लोगों की हुजूम उमड़ पड़ी।इस दौरान जिला प्रशासन के सभी शर्तों को पालन किया गया । सुरक्षा की दृष्टिकोण से भारी संख्या में इलाके में पुलिस वालों की भी तैनाती की गई थी । अखाड़ा में शामिल युवक तरह-तरह के करतब दिखाते हुए लोगों का मन मोह रहे थे । पूरे इलाका इमाम हुसैन से गूंज रहा था ।मुस्लिम रीति-रिवाजों से मुहर्रम को अलग माना जाता है क्योंकि यह महीना शोक का होता है। मुहर्रम के दिन लोग इमाम हुसैन के पैगाम को लोगों तक पहुंचाते हैं। ऐसा बताया जाता है कि हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी।मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म के लिए बेहद खास होता है।
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