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विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर पारस एचएमआरआई, पटना में शनिवार (03 फरवरी) को कैंसर के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पारस एचएमआरआई और कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कैंसर से बचने के उपाय, इसके उपचार और अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें एनसीसी के कैडेट्स और आंगनबाड़ी सेविकाएं भी शामिल रहीं।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पारस एचएमआरआई के डायरेक्टर जेनेरल सर्जरी डॉ. एए हई ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार 1 साल में लगभग 15 लाख लोग कैंसर की चपेट में आते हैं।
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खानपान और दिनचर्या में सुधार लाकर और अल्कोहल जैसी चीजों से दूरी बनाकर कैंसर के 50 प्रतिशत तक मामलों को रोका जा सकता है।इस मौके पर मुख्य कंसल्टेंट रेडिएशन ओन्कोलॉजी एंव कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के सचिव डॉ. शेखर केसरी ने कहा कि कैंसर से बचने के लिए यह जरूरी है कि गुटखा, बीड़ी, सिगरेट या अल्कोहल जैसी किसी भी तरह की नशीली पदार्थ का सेवन न करें। हालांकि बिहार राज्य अल्कोहल प्रतिबंधित क्षेत्र है, इसके बावजूद यहां अक्सर लोग अल्कोहल का सेवन करते मिल जाते हैं। इन दिनों मुंह के कैंसर, स्तन के कैंसर और बच्चेदानी के कैंसर से लोग ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं।
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आंकड़ों के अनुसार हाल के दिनों में बच्चेदानी के कैंसर के मामलों में कमी आई है। इसका एक कारण यह भी है कि इसके लिए वैक्सीन उपलब्ध हो गई है। दूसरी ओर फेफड़ों के कैंसर में बिहार राज्य में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है। तंबाकू के सेवन के साथ इसके लिए वायु प्रदूषण भी कुछ हद तक जिम्मेदार है।इस कार्यक्रम में एचओडी मेडिकल ओन्कोलॉजी डॉ. अभिषेक आनंद, चीफ कंसल्टेंट सर्जिकल ओन्कोलॉजी डॉ. राहुल चौधरी, सीनियर कंसल्टेंट डॉ. आर.एन. टैगोर ने अपने विचार रखे।वहीं कंसल्टेंट सर्जिकल ओन्कोलॉजी डॉ. मिताली दांडेकर, डॉ. स्नेहा झा, डॉ. शिव शंकर मिश्रा, डॉ. चिन्मय बिसवाल, युनिट हेड डॉ. वैभव राज, मेडिकल सुप्रिटेंडेट डॉ. आसिफ परवेज एंव डॉ. राजीव आदि उपस्थित थे।पारस एचएमआरआई के बारे में पारस एचएमआरआई, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है।
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350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।