बक्सर में आज इंटरनेशनल लिट्टी चोखा का मेला

बिहार का बक्सर जिला यहां एक दिन बहुत ही खास होता है।इस तिथि को बीस लाख से अधिक लोग एक ही भोजन करते हैं। अगहन कृष्ण पक्ष की इस तिथि को लोग पंचकोश के नाम से जानते हैं। पांच दिनों का मेला जीस दिन समाप्त होता है। उस दिन हर घर में एक ही भोजन बनता है। लिट्टी-चोखा, क्या शहर क्या गांव। जानकारों का कहना है सिर्फ बक्सर ही नहीं, पड़ोस के आरा, सासाराम, कैमुर, बलियां और गाजीपुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी यही खाना बनता है। क्योंकि बक्सर आए प्रभु श्रीराम ने इस तिथि को यही प्रसाद ग्रहण किया था। अपने अध्यात्मिक महत्व को बनाए रखने की गौरव शाली परंपरा आज भी जीवित है। इसको लेकर एक कहावत भी है। माई बिसरी, बाबू बिसरी, पंचकोशवा के लिट्टी-चोखा नाहीं बिसरी।

पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान राम व लक्ष्मण जब सिद्धाश्रम पहुंचे(वर्तमान बक्सर ) तो इस क्षेत्र में रहने वाले पांच ऋषियों के आश्रम पर आर्शीवाद लेने गए। उनका अंतिम पड़ाव रहा चरित्रवन। जहां विश्वामित्र मुनी का आश्रम था। यहां भगवान ने लिट्टी-चोखा खाया था। इस वजह से इस तिथि को चरित्रवन का हर कोना-कोना लोगों से भर जाता है। गैर जिलों और ग्रामीण इलाकों से पहुंचने वाले लोग यहां लिट्टी बनाते और खाते हैं।

यहां सुबह से लेकर शाम तक मेले का नजारा रहता है। जिसकी वजह से चरित्रवन में भारी भीड़ एकत्र होती है।17 लाख से अधिक तो इस जिले की आबादी है। इसके अलावा यहां काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस बल के लोग, अतिथि, मजदूर इनकी संख्या बीस लाख से भी अधिक होगी। बक्सर के लोग जहां बसते हैं। वे इस दिन लिट्टी-चोखा बनाकर ही खाते हैं।

Next Post

राज्य के सभी जिलों में चलाए गए सघन वाहन चेकिंग अभियान

Mon Nov 25 , 2024
Share on Facebook Tweet it Email बिहार पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार शनिवार, 23.11.2024 को शाम 7 बजे से रात्रि 10 बजे के बीच राज्य के सभी जिलों में पुलिस अधीक्षक व वरीय पुलिस पदाधिकारियों के नेतृत्व में विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान लगभग 5 लाख 44 हजार […]

आपकी पसंदीदा ख़बरें