रमजान के पहले जुमे की नमाज अदा करने बड़ी संख्या में लोग विभिन्न मस्जिदों में पहुंचे। मालूम हो कि इस्लाम धर्मावलंबी रमजान माह को काफी पाक महीना मानते हैं। इसमें पूरे एक माह तक रोजा रखा जाता है तथा रोजा रखकर लोग अल्लाह की इबादत करते हैं। सुबह में सेहरी और शाम में इफ्तार होता है।पाक माह के पहली जुमे पर मस्जिदों में रोजेदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। नमाज के दौरान मस्जिदें खचाखच भरी रहीं और अल्लाह की रजा में रमजान का पहला जुमा बीता। मुकद्दस रमजान के पहले जुमा की नमाज के लिए बड़ी दरगाह मस्जिद में भीड़ उमड़ पड़ी। इस मौके पर इमाम महताब आलम मख्तूबी ने कहा कि रोजा सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं है बल्कि इंद्रियों पर नियंत्रण का जरिया है। असल रोजा तो वह है जिससे अल्लाह राजी हो जाए। जब हाथ उठे तो भलाई के लिए, कान सुने तो अच्छी बातें, कदम बढ़े तो नेकी के लिए, आंख देखे तो जायज चीजों को ही देखे। उन्होंने कहा कि इस बार रमजान में पांच जुम्मा पड़ रहा है इसलिए इसकी बड़ी अहमियत है।
नालंदा:रमजान का पहला जुम्मा
first jumma of ramadan