विशुनपुर बघनगरी पंचायत अंतर्गत वार्ड चार निवासी मुन्ना झा के दो पुत्रियां हैं। मुन्ना झा मानसिक विक्षिप्त हैं। वहीं, पत्नी मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह दो बेटियों और पति का पेट पाल रही हैं। बेटी की शादी के लिए उनके पास पैसा नहीं होने से परेशान थीं। इस पर ग्रामीणों ने गरीबी व आर्थिक तंगी को शादी में बाधक नहीं बनने देने का फैसला लिया। किसी ने पैसा तो किसी ने खाद्यान्न व दान-दहेज की व्यवस्था की। रात में बरात पहुंची और सभी वैवाहिक रस्में संपन्न कराई गईं। गांव के लोग हर रस्म में खड़े दिखे। अंजली की विदाई हुई तो पूरे गांव के लोगों की आंखों से आंसू झलक उठे।
गांव के हरिमोहन झा,दीपक झा, कमलेश देवी, जय-जय मिश्रा, भरत लाल मिश्रा आदि ने कहा कि लड़की समाज की होती है। यदि कोई मां-बाप पैसे के अभाव में उसकी शादी नहीं कर पाते हैं तो समाज को भी आगे आने की जरूरत है। अगर हर समाज में इस तरह का चलन हो तो निश्चित रूप से गरीब की बेटी घर में कुंवारी नहीं बैठेंगी। हरिमोहन झा ने कहा कि यह पहला प्रयास था। इसमें सफलता मिलती है तो निश्चित रूप से परिवर्तन की दिशा में समाज के तमाम तबके के लोगों का सहयोग मिलने के बाद वैसे लोग जिनके बेटी की शादी नहीं हो पा रही है उसका सामाजिक सहयोग कराया जाएगा।