विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बेंगलुरु में हो रही है. बैठक में 26 दलों के नेता पहुंचे हैं. बैठक में स्वागत के लिए सभी नेताओं के पोस्टर और कट आउट लगाए गए हैं. वहीं, दूसरी ओर विरोधियों के द्वारा नीतीश कुमार की तस्वीरों वाले पोस्टर भी बेंगलुरु की सड़कों पर नजर आ रहे हैं. उनमें बिहार के मुख्यमंत्री के करिश्माई व्यक्तित्व की खूब चर्चा है. नीतीश कुमार को इन पोस्टरों में अनस्टेबल प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट बताया है. बिहार के अगवानी घाट सुल्तानगंज पुल के धराशाई होने का बैकग्राउंड इस्तेमाल करते हुए नीतीश कुमार पर कई पोस्टरों के जरिए तंज कसा गया है. पोस्टर में नीतीश को एक ऐसा व्यक्ति बताया गया है जो पानी के अंदर पुल बना सकते हैं. यह पोस्टर सीधे तौर पर नीतीश कुमार के ऊपर एक तंज माना जा रहा है. नीतीश कुमार के पोस्टर पर बीजेपी ने तंज करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार को बेंगलुरु बुलाकर उनकी भारी बेइज्जती की है.
नीतीश कुमार ने पोस्टर पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। पुलिस ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है कि ये पोस्टर किसने लगाए।इस पोस्टर पर RJD ने कहा है कि ये बीजेपी की बौखलाहट है, बेचैनी है जो दिख रहा है. इसलिए वो पोस्टर लगा कर उलूल जुलूल बातें लिख रहे हैं. हालांकि विवाद के बाद पोस्टर को हटा लिया गया है. इस विवाद के बीच बंगलुरू में एक ओर जहां विपक्षियों पार्टियों को एक साथ लाने की मुहिम जारी है.
इस पोस्टर पर JDU के नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पोस्टर लगाने वाले लोग बैचन आत्मा की तरह तड़प रहे हैं, लेकिन सीबीआई ईडी, आईटी जैसी एजेंसी, 56 इंच का सीना उनके समर्थक अपरोक्ष रूप से अपना नाम भी देना मुनासिफ इसलिए नहीं समझते है कि नैतिक बल नहीं हैं. ये काले दिल वाले लोग हैं, लेकिन कोई प्यार करें या घृणा करें नीतीश कुमार को इनकार कैसे कर देगा.
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में भी एनडीए अपना कुनबा बढ़ाने में लगा है. अब देखना होगा कि सत्ताधारी पार्टियों की बैठक और विपक्षी पार्टियों की बैठक के बाद देश की राजनीति में क्या कुछ नया देखने के लिए .मिलेगा