केंद्र सरकार द्वारा आज संसद में पेश अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि सही अर्थों में केंद्र सरकार का अंतरिम बजट चुनावी भाषण से ज्यादा कुछ नहीं है।उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी जिस तरह संसद में बजट पेश कर रही थी, उससे साफ लग रहा था कि वे चुनावी भाषण दे रही हैं। बजट में न आधारभूत संरचना की बात कही गई है और न ही किसानों के कल्याण और उनकी तरक्की का मार्ग सुझाया गया है।
श्री सहनी ने जोर देकर कहा कि बिहार इस अंतरिम बजट से फिर से ठगा महसूस कर रहा है। बिहार के लोगों को आशा थी कि इस चुनावी वर्ष में भी पिछड़े इस राज्य के विकास के लिए कुछ मिलेगा लेकिन फिर से निराशा हाथ लगी।उन्होंने कहा कि इस बजट में भी पूर्व के बजट की भांति 2047 में विकसित भारत का सुनहरा सपना दिखाया गया है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि इस बजट से एक बार फिर औद्योगिक घरानों को मदद मिलेगी और गांव के किसान और युवा अच्छे दिनों का इंतजार करेंगे।
वीआईपी के नेता और पूर्व मंत्री श्री सहनी ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए भी कोई सही रास्ता इस बजट में प्रस्ताव नहीं किया गया है। कुल मिलाकर यह बजट चुनावी वर्ष में सुनहरे सपना दिखाने वाला बजट है।