जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों सेना के वाहन दुर्घटना में शहीद हुए सेना के जवान नायक विक्रम सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव जिले के चौगाई प्रखंड अंतर्गत मुरार थाना क्षेत्र के मसरिया पँचायत के फफदर गांव आने पर उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान “जब तक सूरज चांद रहेगा विक्रम सिंह तेरा नाम रहेगा ..” के नारे तथा भारत मां के जयकारों से इलाका गूंज उठा. शनिवार की सुबह लगभग 10:30 बजे शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा. पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही लोगों की आंखें नम हो गई तथा परिजनों की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया था. बाद में सेना के जवानों की उपस्थिति में उनका पार्थिव शरीर बक्सर के मुक्तिधाम लाया गया जहां सेना के जवानों तथा स्थानीय पुलिस कर्मियों के द्वारा के द्वारा राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सलामी देते हुए उनका अंतिम संस्कार किया गया.
उनके पिता ने उन्हें मुखाग्नि दी । बताया जा रहा है कि विक्रम सिंह के पिता कमलेश सिंह भी सेना में ही हैं वह दो भाइयों में सबसे बड़े थे. पिता की देश भक्ति से प्रेरित होकर वह बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2019 में वह सेना में बहाल हुए. ट्रेनिंग के बाद उनका पहला पदस्थापन कश्मीर के उधमपुर में हुआ.
एक जून को वह हथियारों से भरा वाहन लेकर जम्मू जा रहे थे. इसी बीच गाड़ी पलट गई. गाड़ी पलटने पर ड्राइवर ने कूदकर अपनी जान बचा ली लेकिन, विक्रम सिंह वाहन से बाहर नहीं निकल सके । देश की सेवा करते शहीद जवान का शव उनके पैतृक आवास पहुँचते ही गाँव की महिलाओं की चीत्कार और देश सेवा में शहीद जवान को याद करते गाँव के युवाओं के गगनभेदी नारेबाजी के बीच घर से अंतिम विदाई दी गई ।