गया से मनोज की रिपोर्ट
एक तरफ जहां भारत और रूस के अच्छे संबंधों का डंका पीटा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ बिहार के एक लाल सोनू कुमार की लाश करीब दस दिनों से रूस में पड़ी है। सोनू रसिया में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा था जहां से उसकी मौत की खबर आई। सोनू गया जिले के खिज़रसराय प्रखंड के लोदीपुर गांव निवासी अशोक कुमार का पुत्र था.जो रूस में मेडिकल कि पढ़ाई करने गया था, जिसका दो माह बाद फाइनल परिणाम आने बाला था. जिस संस्थान से सोनू पढ़ाई कर रहा था उस संस्थान का कहना है कि आठ मंजिले इमारत से गिरने के कारण सोनू की मौत हुई है।
रसिया स्थित भारतीय दूतावास ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि सोनू के शव को भारत ले जाने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है और बीमा कंपनी इसे अंतरराष्ट्रीय सरकार का मामला बता रही है। बहरहाल जो भी हो एक माँ अपने कलेजे के टुकड़े की लाश के लिए तड़प रही है और देश की जिम्मेदार सरकार के कानों में जूँ तक नही रेंग रही। घटना कहीं भी हो सकती है परंतु लाश भी ना मिले तो सवाल खड़ा होता है। ऐसे में शायद ही अब कोई माँ अपने बच्चों को विदेश पढ़ने के लिए भेजेगी वी भी ऐसे देश मे जिसके साथ अच्छे संबंधों का दम्भ भरा जाता हो और समय पड़ने पर नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए लोगों को खून के आंसू रोने पर मजबूर होना पड़े। फिलहाल मृतक छात्र के भाई चंदन कुमार ने राज्य सरकार से शव को घर लाने हेतु पहल करने कि मांग किया है ताकि उनके भाई का अंतिम दर्शन परिजन एवं ग्रामीण कर सकें.