डाक विभाग, बिहार परिमंडल द्वारा गाँधी जी के पुण्यतिथि के अवसर पर उनके विचारों पर एक विशेष आवरण का विमोचन श्री अनिल कुमार, मुख्य डाकमहाध्यक्ष, बिहार परीमंडल, पटना के द्वारा किया गया I अनिल कुमार, मुख्य डाक महाध्यक्ष, पटना ने विमोचन उपरांत यह बताया कि आज ही के दिन सन 1948 में हमारे पूज्य बापू का निधन हुआ था जिससे इस देश को एक अपूरणीय क्षति हुई थी I देश को आजादी दिलाने के लिए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले हमारे पूज्य बापू के निधन के उपरांत उनकी पुण्यतिथि को हम सभी देशवासी शहीद दिवस के रूप में मानते हैं ।
अनिल कुमार ने आगे यह भी बताया कि महात्मा गांधी का बिहार से खास रिश्ता रहा है, यह बिहार का चंपारण सत्याग्रह ही है जिसने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी में बदल दिया I राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कई यादें बिहार के गया, पटना, मुंगेर ,भागलपुर इत्यादि से जुड़ी हैं Iबापू का 56वां जन्मदिन बिहार के भागलपुर में ही मना था। इस दौरान उन्होंने स्वराज का महत्व बताया था तथा नारी सशक्तिकरण हेतु पर्दा प्रथा का विरोध किया था ।
गांधीजी ने जीवन भर जिन सिद्धांतों का पालन किया और सिखाया, वे मानवतावाद के लिए अति मूल्यवान हैं। महात्मा गांधी की सात विचारों की अवधारणा सिद्धांतों का एक समूह है जिसके बारे में उनका मानना था कि यह मानव प्रगति और सुख को प्रभावित कर सकता है। गांधीजी ने कहा था कि काम के बिना धन, विवेक के बिना आनंद, मानवता के बिना विज्ञान, चरित्र के बिना ज्ञान , सिद्धांत के बिना राजनीति, नैतिकता के बिना व्यापार और त्याग के बिना पूजा का कोई मतलब नहीं है ।
जबकि धन, आनंद, विज्ञान, ज्ञान, राजनीति, वाणिज्य और पूजा जैसी अवधारणाएं जीवन में अमूर्त फलों की तरह हैं, गांधीजी का कहना था कि उन्हें काम, विवेक, मानवता, चरित्र, सिद्धांत, नैतिकता और बलिदान के माध्यम से अखंडता में निहित होना चाहिए। इनमें से प्रत्येक सिद्धांत को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से समझा और कार्यान्वित किया जा सकता है। इन सात सामाजिक पापों से बचने का गांधीजी का संदेश समकालीन समाजों को प्रभावित करने वाले अधिकांश मुद्दों के समाधान के लिए एक दार्शनिक और नैतिक ढांचा प्रदान करता था I उन्होंने अंत में कहा कि बिहार डाक परिमंडल का महात्मा गांधी की 76वीं पुण्य तिथि पर यह विशेष कवर का विमोचन उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि है