केके पाठक ने सर्दी और शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद करने के आदेश को अवैध करार दिया है. केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों से पूछा है कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं. अगर इतनी सर्दी और शीतलहर है तो सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें और व्यावसायिक संस्थान कैसे चल रहे हैं.पिछले दिनों सर्दी और शीतलहर के चलते विभिन्न जिलों में भांति-भाति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए. इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं. केके पाठक ने कहा है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बन्द किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है.
केके पाठक ने सारे कमिश्नर को कहा है कि स्कूल बंद कराने वाले जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सदी या शीतलहर है. जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है. केके पाठक ने कहा है कि सभी प्रमंडल के आयुक्त जिला अधिकारियों को सुझाव दें कि जब वह सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकलते हैं तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू होना चाहिए. इस प्रकार का आदेश निकालते समय एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान रखें. सभी प्रमंडल के आयुक्त को लिखे पत्र में के.के. पाठक ने कहा है कि जिला दंडाधिकारियों ने धारा -144 का आदेश पारित किया है. उसमें सिर्फ विद्यालयों को ही बंद किया गया है .जबकि अन्य संस्थाओं का जिक्र नहीं किया गया है.
जैसे कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थान उनकी गतिविधियां या समय अवधि को नियंत्रित नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से पूछें कि यह कैसी शीतलहर है जो केवल विद्यालयों पर ही गिरती है? कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है. जबकि इन कोचिंग संस्थानों में हमारे ही विद्यालय के बच्चे पढ़ने जाते हैं. केके पाठक ने कहा है कि कई जिलों के जिलाधिकारी द्वारा जो यह आदेश जारी किया गया है यह गंभीर और वैधानिक मामला है. क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा 144 सीआरपीसी को इन्वोक करते हैं.