महानंदा नदी अपने रौद्र रूप में

Mahananda river in its fiercest form

कटिहार में महानंदा नदी के रौद्र रूप दिखने लगा है .जल संसाधन विभाग द्वारा बोरियों में मिट्टी भरकर महानंदा नदी के पास डाला हुआ था जो अब लापता हो गया है .जिला प्रशासन बाढ़-सुखाड़ को लेकर मुख्यालय में बैठा डाला बैठक..नेपाल की तराई में हो रही भारी बरसात से महानंदा नदी के जलस्तर में होने लगी है उतार-चढ़ाव.जिले के आजमनगर प्रखंड क्षेत्र में ..महानंदा नदी का दिखा रौद्र रूप..इलाके में भीषण कटाव पर रोजना किसानों की सैकड़ो एकड़ धरती..महानंदा नदी के गर्भ में हो रही है.

स्थानीय गांव के ग्रामीणों ने कहापिछले वर्ष से रखी गयी है जल संसाधन विभाग की 4 हजार मिट्टी से भरी बोरियाँ कटाव से बचाव पर विभाग इलाके में आकर बचाव के कार्य का सिर्फ दे जा रहा है भरोसा रोजना कटाव की वजह से महानंदा नदी अब इमामनगर-शिवमन्दिर टोला तक पहुंच चुकी..सरकार और प्रशासन का जल संसाधन विभाग की ईमानदारी यहां इस गांव में बोरियाँ में बन्द रखी पड़ी है .जहां विभाग आकर सिर्फ भरोसा दे जा रहा है ..जबकि कटाव की स्थिति को देख अब गांव महानंदा में विलीन हो जाएगी.

समय से पहले यदि कटाव निरोधी कार्य नहीं किया गया तो यह 1500 घर के अनुसूचित जनजाति के गांव ..जो शिव मंदिर टोला इमाम नगर महानंदा नदी में विलुप्त हो जाएंगे.. वही शिव मंदिर टोला इमाम नगर गांव के ग्रामीण ने बताया कि जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण उत्क्रमित मध्य विद्यालय शिव मंदिर टोला इमाम नगर के साथ साथ माइक्रो प्रधानमंत्री आवास घर समेत 1500 से अधिक लोगों का आशियाना विलीन होने के कगार पर खड़ा है..वही ग्रामीणों ने 1 सप्ताह के अंदर कटाव निरोधी कार्य कराने की मांग जिला पदाधिकारी एवं जल संसाधन विभाग से की है..

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