मुख्यमंत्री पद को लेकर जीतन राम मांझी का छलका दर्द

Jitan Ram Manjhi’s pain spilled over the post of Chief Minister

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नालंदा विधानसभा के में मेहुदीनगर गांव पहुंचे। जहां उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 132 वी जयंती समारोह में शिरकत किया। इस दौरान पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शेड्यूल कास्ट को आगे बढ़ाने के लिए 4 मंत्र की जरूरत होती है अगर वह 4 मंत्रों पर हमारा शेड्यूल कास्ट काम करें तो निश्चित तौर पर राजनीतिक आर्थिक एवं सभी दृष्टिकोण से हमारा समाज आगे बढ़ेगा। उन्होंने अपने पुराने जख्मों पर मरहम लगाते हुए कहा कि 19 फरवरी 2015 को हमने मुख्यमंत्री पद से रिजाइन किया।

अगर हमारे पास 50 एमएलए का ताकत होता तो किसी की हिम्मत नहीं होता कि हमें मुख्यमंत्री पद से कोई हटा देता। अगर मुझे मुख्यमंत्री के पद पर से नहीं हटाया जाता तो 5 वर्ष की दूर की बात, हम बिहार को 2 वर्षों में ही टेकुआ की तरह सीधा कर देते।बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि निजी सेक्टर में भी आरक्षण की व्यवस्था हो। इसके लिए हम लोगों को लड़ाई लड़ना होगा। उन्होने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और आरक्षण समाप्त करने की दिशा में साजिश करने का आरोप लगाया।

उन्होने नालंदा के मेहदी नगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान कितना भी खराब है लेकिन संविधान चलाने वाला सही रहेगा तोे कोई काम नहीं खराब नहीं होगा लेकिन संविधान कितना भी अच्छा हो लेकिन उसे चलाने वाला सही नहीं होगा तो हालत खराब हो जायेगा। आज संविधान चलाने वाला रेलवे, जहाज, फाइनेंसियल कंपनी, खाद्यान्न का प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है जिसमें आरक्षण नहीं है। तब आरक्षण समाप्त होगा। जितना प्रतिशत आरक्षण की बात थी, उतना आरक्षण प्राइवेट में भी होता तभी हमलोगों के बच्चों को नौकरी मिलता लेकिन संविधान चलाने वाला व्यक्ति उनके दिल में इतना नहीं है कि गरीब का बाल बच्चा नौकरी की चिंता नहीं है। उन्होने इसके लिए निजी सेक्टर में भी आरक्षण की मांग उठाई।

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