सरकारी परीक्षाओं में कदाचार और प्रश्न पत्र लीक को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय और आर्थिक अपराध इकाई ने आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन और एडीजी आर्थिक अपराध सुनील कुमार ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर 10 साल की सजा और उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही कई कोचिंग सेंटर और परीक्षा केंद्र भी जांच के दायरे में हैं।
टना में एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन और एडीजी आर्थिक अपराध इकाई सुनील कुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकारी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई की जानकारी दी।
मुख्य बिंदु:
2012 से अब तक 10 मामलों में 545 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।249 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए बिहार में 2005 से पीएमएलए एक्ट लागू है।परीक्षा में गड़बड़ी करने पर 10 साल की सजा और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की CHO परीक्षा में 12 परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी पाई गई। इनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी।परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों का एक डेटाबेस तैयार किया गया है। कई आरोपियों के तार दूसरे राज्यों से भी जुड़े हैं।
NEET परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले संजीव मुखिया की संपत्ति कुर्क की जाएगी।ईओयू के कदम:परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए EOU ने परीक्षा सेल का गठन किया है।केंद्र खोलने या संचालित करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की NOC के लिए आर्थिक अपराध इकाई को निर्देशित किया जाएगा।कोचिंग सेंटर रडार पर:बिहार के तीन बड़े कोचिंग सेंटर आर्थिक अपराध इकाई के रडार पर हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द ही वारंट जारी किया जाएगा।संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने साफ कर दिया कि परीक्षा में गड़बड़ी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों को कठोर सजा मिलेगी और कानून के दायरे में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।