हर्ष फायरिंग (Celebratory gunfire) शादी विवाह समेत अन्य शुभ अवसरों पर लोगों द्वारा इसका उपयोग किया जाता रहा है। हवा में फायरिंग करके जश्न मनाने के उत्साह में अचानक चली गोली कभी किसी व्यक्ति के मृत्यु का कारण तो कभी किसी के घायल होने का कारण बन जाती है। बिहार पुलिस द्वारा हर्ष फायरिंग की घटनाओं के विरुद्ध कड़े कदम उठाए गए हैं जिससे ऐसे मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।वर्ष 2023 के प्रथम 06 माह में हर्ष फायरिंग की कुल 68 घटनायें दर्ज की गई, जिसमें 17 व्यक्तियों की मृत्यु और 30 व्यक्ति घायल हुए। इस दौरान कुल 87 लोगों को गिरफ्तार किया गया।बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा हर्ष फायरिंग की घटनाओं की रोकथाम हेतु स्थायी आदेश और हर्ष फायरिंग के मामलों में त्वरित कार्रवाई हेतु एक SOP सभी जिलों को भेजा गया और उसका अनुपालन सुनिश्चित कराया गया।इसके फलस्वरुप वर्ष 2024 के जनवरी माह से मई माह तक हर्ष फायरिंग के कुल 33 मामले दर्ज किए गए, जो कि वर्ष 2023 के प्रथम छ:माही से लगभग 52% कम है।इसके साथ ही मृत और घायलों की संख्या में भी वर्ष 2023 के प्रथम छ:माही के मुकाबले वर्ष 2024 में मई माह तक गिरावट दर्ज की गई है। मृत व्यक्तियों की संख्या करीब 71% और घायलों की संख्या 80% कम हुई है।
वर्ष 2023 में राज्य के कुल 44 जिलों में से 21 जिलों से हर्ष फायरिंग से जुड़ा एक भी मामला नहीं आया, और वर्ष 2024 के मई माह तक ऐसे 29 जिले सामने आए जहां हर्ष फायरिंग की घटनाएं शून्य है।वर्ष 2023 में गया और भोजपुर जिले में अधिकतम 11 मामले दर्ज किए गए तो वहीं वर्ष 2024 के मई माह तक गया में 1 मामला और भोजपुर में 2 मामले दर्ज किए गए हैं।हर्ष फायरिंग के मामलों में वर्ष 2023 से वर्ष 2024 के मई माह तक कुल 132 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर विधिसम्मत कार्रवाई की गई।सोशल मीडिया पर दहशत और अपनी दबंगई दिखाने के उद्देश्य से युवाओं द्वारा रील/वीडियो के माध्यम से अवैध हथियार का प्रदर्शन किया जाता है जो कि एक दंडनीय अपराध है.सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो/पोस्ट/रील को चिन्हित कर बिहार पुलिस सोशल मीडिया सेंटर तत्क्षण संबंधित जिले को साझा कर उचित विधिसम्मत कार्रवाई के लिए प्रेषित करती है। बीते 3 माह में सिवान, गोपालगंज और सहरसा जिले में हथियार प्रदर्शन कर सोशल मीडिया पर दहशत फैलाना वाले 3 व्यक्तियों के विरुद्ध कांड दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की गई।सोशल मीडिया पर हर्ष फायरिंग के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से निरंतर जन-जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इनमें Graphics, videos, Motion Graphics, memes और अन्य प्रस्तुतीकरण भी शामिल हैं।